श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक चंदवा सूर्य मंदिर - Arrah City | Arrah Bhojpur Bihar News

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श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक चंदवा सूर्य मंदिर

श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक चंदवा सूर्य मंदिर

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आरा प्रखंड के चंदवा में छठ व्रत करने का अपना महत्व है। यहां भगवान भास्कर सूर्य का एक भव्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख होकर दक्षिणमुख है। यह मंदिर छठ मे व्रतियों के लिए पूजा का मुख्य केंद्र बन जाता है। जहां छठ के मौके पर यहां दूर-दूर से लोग भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य अर्पित करने आते हैं।
आरा के एन एच 84 पथ पर चंदवा मे सूर्य मंदिर स्थित है। जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु विभिन्न जिलों से मनौती पूर्ण होने पर उज्जवल भविष्य की कामना करने के लिए श्रद्धा और विश्वास के साथ आते हैं। संवत् 11/11/1999 में सूर्य भास्कर का मंदिर बनाने मे अहम भूमिका स्वर्गीय बैकुंठ तिवारी चंदवा निवासी ने मंदिर का निर्माण मे अपने सहयोगी जैसे राममनूज तिवारी अंजनी तिवारी श्रीधर तिवारी सुनील तिवारी मलू तिवारी शतरंजय तिवारी बबलू तिवारी और गाँव के न्य यूवक संध और ज्वार के लोगी से सहीयोग लेकर कराया था।


इस मंदिर निर्माण मे चौकीपूर का मिस्त्री मजदूरों का भी रहा था भरपूर सहयोग
यह सूर्य भास्कर का मंदिर बनाने मे चौकिपुर के मिस्त्री मजदूर का भी सहयोग रहा जिसमें कमलेश पासवान रामगणेश पासवान ने कई बरषों से इस मंदिर निर्माण मे अपना कला से मंदिर का आकर्षण बनाया है उन्होने बताया की बहूत बारीकियों से काम करना पड़ता था
मंदिर में सात घोड़े वाले रथ पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा ऐसी लगती है मानों वे साक्षात धरती पर उतर रहे हों। उनकी मनोरम छवि का दर्शन कर श्रद्धालु प्रसन्न हो जाते हैं। मंदिर के चारों कोने पर मकराना संगमरमर से बनी भगवान भास्कर की मूर्ति उनका सोने की मुकुट लोगो का आकर्षण का केन्द्र बन जाता है वही कुछ दूरी पर एक छोटा सा मंदिर जिसमें दुर्गा जी, शंकर जी, गणेश जी और विष्णु जी की प्रतिमा है जिनको दर्शन कर भक्त अपना मन्नत मानते है ! वही पोखरा के ठीक बीचो बीच निर्मित मंदिर आकर्षक और भव्य दिखाई पड़ती है। सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि चंदवा का यह मंदिर श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। सदस्य छठ व्रतियों की सुविधा और व्यवस्था हेतु काफी सक्रिय हैं। यहा छठ मे रहने और खाने का उतम प्रबंध है।


विदेश से भी आते है छठ पूजा करने श्रधालु
यहा के एक वेयक्ति ने बताया की यहा छठ पूजा मे विदेश से भी आते है छठ पूजा करने श्रधालु और पूजा कर धन्य हो जाते है और जयकारा लगा कर जाते है जय हो छठी मइया की जय बाबा भास्कर नाथ की जय हो।

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