प्रखंड के बेलाउर में छठ व्रत करने का अपना खास महत्व है। यहां भगवान सूर्य का ऐसा भव्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिभिमुख है। जो छठ व्रतियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जहां छठ के मौके पर यहां दूर-दूर से लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए आते हैं। आरा-सहार पथ पर बेलाउर का सूर्य मंदिर है। जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु विभिन्न जिलों से मनौती पूर्ण होने पर उज्जवल भविष्य की कामना करने के लिए श्रद्धा और विश्वास के साथ आते हैं। संवत् 2007 में मौनी बाबा (करवासीन) निवासी ने मंदिर का निर्माण कराया। इसके पूर्व उन्होंने 12 वर्षो तक साधना की थी, जैसा कि लोग बताते हैं। उसी क्रम में भगवान सूर्य की मंदिर बनवाने की इच्छा प्रकट की। मंदिर में सात घोड़े वाले रथ पर सवार भगवान भास्कर की प्रतिमा ऐसी लगती है मानों वे साक्षात धरती पर उतर रहे हों। उनकी मनोरम छवि का दर्शन कर श्रद्धालु संतुष्ट हो जाते हैं।
मंदिर के चारों कोने पर मकराना संगमरमर से बनी दुर्गा जी, शंकर जी, गणेश जी और विष्णु जी की प्रतिमा है। पोखरा के ठीक बीचोबीच निर्मित मंदिर आकर्षक और भव्य दिखाई पड़ती है। सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि छठ व्रतियों की सुविधा व्यवस्था हेतु काफी सक्रिय हैं। बेलाउर का सूर्य मंदिर श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है।
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