पटना के गांधी सेतु पर अगले पांच दिन में गाड़ियों का परिचालन सीमित किया जाएगा। इससे नेशनल हाइवे- 30 और कोईलवर पुल पर गाड़ियों का दबाव बढेगा। इस हालात से निपटने के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष मयंक बरबरे ने शनिवार को आरा कलेक्ट्रेट में भोजपुर जिले के तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठक किया। बैठक में इस समस्या से निपटने के लिए कई सुझाव आए, जिन पर अमल करने पर सहमति बनी। इस समस्या से निपटने हेतु जिला प्रशासन द्वारा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत कर कोईलवर पुल से वीर कुंवर सिंह सेतु होते हुए आरा-छपरा एवं पटना आदि शहरों के लिए यातायात परिचालन एवं प्रबंधन के संबंध में आवश्यक सुझाव दिया गया।
बैठक में आए सुझाव
इस संबंध में प्रस्तावित रिंग रोड, कोईलवर पुल के दोनों पहुंच पथ का चौड़ीकरण, चंदवा में बांध पर पक्का सड़क निर्माण, पुल निर्माण निगम, पीडब्ल्यूडी द्वारा कई रोड का निर्माण के सुझाव आए। कोईलवर पुल के पटना व आरा छोर पर पहुंच पथ के फ्लैंक को दोनों तरफ एक-एक किमी में 1.50 मीटर सड़क का चौड़ीकरण व बीच में डिवाइडर बनाकर ट्राफिक व्यवस्था को सुचारु करने पर चर्चा हुई। यह भी मुद्दा उठा कि एनएच-30 को पहले ही एनएचएआई को हस्तांतरित किया जा चुका है, इसलिए यह कार्य उनको करना होगा।
वैकल्पिक मार्गों का किया गया चयन
बैठक में वैकल्पिक मार्गों पर भी मंथन हुआ। जाम को देखते हुए कोईलवर पुल से आरा की ओर आने वाले भारी वाहनों को डाइवर्ट कर वैकल्पिक मार्ग वीरमपुर, चांदी चौक व सकड्डी बाईपास होते हुए सकड्डी में एनएच पर लाने पर बल दिया गया। इसलिए सीएमबीडी अंतर्गत कोईलवर-चाँदी- धरहरा पथ का तकनीकी व प्रशासनिक स्वीकृति दिलाने तथा कार्य को शीघ्र शुरु करने का प्रयास हो रहा है। चंदवा बांध पर पक्का सड़क बनने चंदवा से लेकर धरहरा तक वैकल्पिक मार्ग हो जाएगा। जिससे छपरा, पटना क्षेत्र से बक्सर जाने वाले वाहन बिना आरा शहरी क्षेत्र में प्रवेश किये जा सकते हैं। भोजपुर की एकमात्र हवाई पट्टी के लिए भी रोड विकसित हो सकेगा। बालू लदे ट्रको को आरा शहर में प्रवेश कराए बिना बक्सर निकाला जा सकता है। कोईलवर पुल के समानान्तर पीपा पुल /स्टील ब्रीज बनाया जा सकता है।
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