शारदा सिन्हा को इस वर्ष पद्मभूषण सम्मान के लिए चुना गया है। वह 1991 में पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं। 'बिहार कोकिला' के नाम से प्रसिद्घ लोक गायिका का कहना है कि उन्होंने कभी पुरस्कार के लिए गीत नहीं गाया। वह गीत गाती गईं और जो भी मिला उसे सहर्ष स्वीकार भी करती गईं। वह यह भी कहती हैं कि पुरस्कार मिलने से खुशी तो मिलती है परंतु जवाबदेही भी बढ़ जाती है।
बिहार गौरव', 'बिहार रत्न' जैसे तमाम पुरस्कारों से सम्मानित शारदा सिन्हा ने पद्मभूषण सम्मान को अपने प्रशंसकों और श्रोताओं को समर्पित करते हुए कहा, "मैं इस पुरस्कार या सफलता का श्रेय सामूहिक रूप से देती हूं। मैंने मेहनत की है और इस माटी की खुशबू को फैलाया है। इस खुशबू को जिसने फैलाया है, उसमें मेरे चाहने वालों और श्रोताओं का बहुत बड़ा योगदान है। उनका सम्मान इसी रूप में मुझे मिलता रहा है।"
सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार की श्रीमती शारदा सिन्हा जी को कला-संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए पद्म भूषण सम्मान हेतु हार्दिक बधाई।
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