बिहार के लिए घरेलू क्रिकेट में वापसी का रास्ता साफ होता नज़र आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को निर्देश दिए हैं कि बिहार की स्टेट टीम को रणजी ट्रॉफी समेत अन्य टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने दिया जाए। बिहार फिलहाल बीसीसीआई को पूर्णकालिक सदस्य नहीं है और साल 2000 में बीसीसीआई ने राज्य स्तर की स्पर्धाओं में उसे हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खेल के हित में बिहार को बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। अब पूर्व कैग विनोद राय की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) बिहार को बीसीसीआई की पूर्णकालिक सदस्यों की सूची में शामिल करता है या नहीं ये देखने वाली बात होगी।
पिछले साल बीसीसीआई ने जूनियर और महिला क्रिकेट मुकाबलों का कार्यक्रम बदला है ताकि बिहार और नॉर्थईस्ट राज्य की टीमें भी हिस्सा ले सकें। बिहार पर 2001 से स्पर्धाओं में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जब बीसीसीआई के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने झारखंड को पूर्णकालिक सदस्यता देते हुए बिहार की मान्यता छीन ली थी।
Supreme Court directs the Board of Control for Cricket in India (BCCI) to allow the Bihar state team to participate in Ranji trophy and other cricket tournaments.— ANI (@ANI) January 4, 2018
No comments:
Post a Comment