आरा-सासाराम रेलखंड के विद्युतीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गयी है. कार्य को पूरा करने के लिए रेलवे ने 76.21 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है. वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में इस राशि को देने की घोषणा रेलवे द्वारा की गयी है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो आनेवाले दिनों में इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें फर्राटा भरेंगी. इससे यात्रियों को समय की काफी बचत होगी.
मालूम हो कि भोजपुर के सांसद व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह, कई दिनों से प्रयासरत हैं। 2016 के रेल बजट में इस योजना को शामिल किया गया था। अब इसकी राशि प्रदान कर दी गई है।
इंजन बदलने की समस्या से मिलेगी निजात
इंजन बदलने की समस्या से मिलेगी निजात
फिलहाल इस रेलखंड पर चलनेवाली ट्रेनें डीजल से चलती हैं. ऐसे में बार-बार इंजन बदलना पड़ता है. लेकिन, आनेवाले दिनों में इस समस्या से निजात मिल जायेगी. रेलवे की आधारभूत संरचना को बेहतर करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है. इसी के तहत इस रूट का विद्युतीकरण किया जा रहा है. हालांकि, लोगों द्वारा इस रेलखंड को दोहरीकरण करने की मांग भी की जा रही है.
दो घंटे पहले पहुंच जायेंगी ट्रेनें
आरा-सासाराम रेलखंड पर एक एक्सप्रेस सहित कुल सात ट्रेनें चलती हैं. इस सेक्शन की कुल लंबाई करीब 97 किलोमीटर है. इस दूरी को तय करने में पैसेंजर ट्रेन को साढ़े तीन से चार घंटे का समय लगता है. वहीं, पटना-भभुआ इंटरसिटी व पटना-सासाराम पैसेंजर को करीब दो घंटे 40 मिनट से दो घंटे 50 मिनट का समय लगता है. विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के बाद से डेढ़ से दो घंटे में पैसेंजर ट्रेनें सासाराम से आरा पहुंच जायेंगी. वहीं, डीजल के लिए दानापुर व मुगलसराय स्टेशन जाने की समस्या से भी निजात मिल जायेगी.
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