राज्य में चार नए कृषि कॉलेज खुलेंगे। अगले पांच सालों में कॉलेज खोलने की योजना पूरी होगी। कृषि विभाग इस दिशा में तैयारी कर रहा है। विभाग की कोशिश है कि न केवल कृषि उत्पादन, बल्कि राज्य में कृषि शिक्षा व अनुसंधान को भी बढ़ावा मिले। दरअसल राज्य सरकार ने तीसरे कृषि रोडमैप में कृषि अनुसंधान एवं कृषि शिक्षा को भी प्राथमिकता में रखा है। इसी के मद्देनजर वर्ष 2017-22 के बीच चार नए महाविद्यालय खोलने की योजना बनाई गई है। तीन जिले- गया, पटना व आरा में खुलने वाले चारों कॉलेजों के लिए जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए बिहार कृषि विवि सबौर भागलपुर के कुलपति, कुलसचिव व संबंधित जिलों के जिला कृषि पदाधिकारियों की समिति बनाई गई है। समिति अगले 15 दिनों के भीतर विभाग को अपना प्रस्ताव उपलब्ध करा देगा।
सरकार का मानना है कि इन महाविद्यालयों की स्थापना होने से राज्य में कृषि अनुसंधान एवं कृषि शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही राज्य के छात्र कृषि एवं इससे संबद्ध विषयों की शिक्षा प्राप्त कर अपने लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे और राज्य की प्रगति में भागीदारी बनेंगे।
अभी हैं कृषि महाविद्यालय:
पिछले कृषि रोड मैप के तहत भागलपुर में कृषि विवि सबौर खुला। इसके अलावा सहरसा, पूर्णिया, डुमरांव व किशनगंज में चार नए कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गई। जबकि नालंदा में उद्यान महाविद्यालय खोला गया। कृषि विश्वविद्यालय सबौर व इसके अधीन अंगीभूत महाविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा मान्यता दी गई है। विवि की ओर से कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है।
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