बिहार सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभ का रास्ता साफ हो गया है। नीतीश कुमार कैबिनेट ने शुक्रवार को सवर्णों की आरक्षण अधिनियम को हरी झंडी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे आगामी बिहार विधानमंडल की सत्र में पारित कराया जाएगा।
बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सवर्ण आरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट स्वीकृत कर दिया है। इसे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। बिहार के पहले गुजरात, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य ने सवर्ण आरक्षण की सुविधा बहाल की है। देश तथा अन्य राज्यों की भांति बिहार में भी आय के आधार पर सवर्ण आरक्षण का लाभ दिया जा सकेगा।
देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 58 एजेंडों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने बिहार के मंत्री वेतन भत्ते नियमावली 2006 को संसोधन किया है. दैनिक भत्ता और आवास की सुविधा में संसोधन किया गया है। नए नियम के तहत अब मंत्री, उपमंत्री और राज्य मंत्री के दैनिक भत्ते को दो हजार रुपए से बढ़ाकर तीन हजार किया गया है। इसके अलावे आवास सुविधा में संसोधन के तहत हर साल मिलने वाली राशि को दोगुनी की गई है।
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