रेल मंत्रालय ने दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन पथ निर्माण विभाग को सौंपने पर अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। बुधवार को इस मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल के स्तर पर निर्णय लिया गया। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर शुक्रवार यानी 15 जून को केंद्रीय कैबिनेट सचिव बिहार के मुख्य सचिव के साथ बैठक करेंगे।
दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक की जमीन पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित किए जाने के मामले में वर्ष 2009 से ही कवायद चल रही थी। राज्य सरकार रेल ट्रैक की जमीन पर फोर लेन सड़क का निर्माण करना चाहती है। इसके साथ ही बीच का हिस्सा मेट्रो रेल के लिए छोड़ा जाना है।
इस वर्ष मई महीने में इस बारे में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट की थी। यह सहमति बनी थी कि जल्द ही रेल ट्रैक की जमीन राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार पूर्व के रेल मंत्रियों से भेंट की थी।
दीघा-आर ब्लॉक रेल ट्रैक जमीन का कुल रकबा 71.25 एकड़ है। इसकी चौड़ाई 40 मीटर है। आरंभ में जब इस रेल ट्रैक की जमीन के मूल्यांकन के लिए सर्वे कराया गया तो यह 896.29 करोड़ रुपए तय हुई। इसके बाद जिला प्रशासन के स्तर पर हाल ही मेंं इस ट्रैक की जमीन का पुनर्मूल्यांकन कराया। अब इसकी कीमत 221 करोड़ रुपए है। इस राशि को राज्य सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है और पटना जिला प्रशासन ने इसे अधिसूचित कर दिया है। इस जमीन के मद में राज्य सरकार को 221 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।
पथ निर्माण विभाग ने आरंभ की तैयारी
जमीन हस्तांतरण पर फैसले को ध्यान में रख पथ निर्माण विभाग ने अपनी तैयारी आरंभ कर दी है। बिहार राज्य पथ विकास निगम को रेल ट्रैक की जमीन पर फोर लेन सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किए जाने का जिम्मा दिया गया है। पथ निर्माण विभाग ने रेल ट्रैक पर अतिक्रमण कर बस गई आबादी को जमीन खाली कराने की नोटिस सार्वजनिक रूप से देनी आरंभ भी कर दी है। गुरुवार को ड्रोन सर्वे भी कराया गया।
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