आधार की गोपनीयता से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए भारतीय पहचान पत्र प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बुधवार को 1 जून, 2018 से ‘वर्चुअल आईडी’ की अवधारणा को लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत आधार कार्डधारक को अब सिम वेरीफिकेशन या अन्य कार्यों के लिए अपनी 12 अंकों की बायोमीट्रिक आईडी देने की जरूरत नहीं होगी बल्कि इसकी जगह 16 अंकों के एक नंबर से काम चल जाएगा। यह नंबर हर आधार कार्डधारक को यूआईडीएआई की वेबसाइट के जरिए हासिल होगा।
आधार कार्डधारक को एक से ज्यादा वर्चुअल आईडी जनरेट करने की छूट होगी। नया वर्चुअल आईडी जनरेट होते ही पुराना नंबर स्वत: खारिज हो जाएगा। इस वर्चुअल आईडी और कार्डधारक के बायोमीट्रिक्स (नाम, पता और फोटो) के आधार पर मोबाइल कंपनी जैसी कोई भी अधिकृत एजेंसी उसका वेरीफिकेशन कर सकती है। यूआईडीएआई ने गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए ‘सीमित केवाईसी’ की अवधारणा को भी लागू करने जा रही है। इसके तहत दूरसंचार कंपनियों या ऐसी किसी अधिकृत एजेंसी को आधार कार्डधारक के बारे में सिर्फ सीमित जानकारी मुहैया कराई जाएगी।
वर्चुअल आधार आईडी: कैसे करेगा काम?
- जब यूजर को अपने आधार नंबर की जरुरत होगी तो वह UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर या फोन पर mAadhaar एप का इस्तेमाल कर उसी समय 16 डिजिट का वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकता है। यह नंबर 12 डिजिट के असली आधार नंबर के लिए मास्क की तरह काम करेगा।
- वर्चुअल आईडी से सिर्फ नाम, पता और व्यक्ति की फोटो को एक्सेस किया जा सकेगा।
- UIDAI के अनुसार यह वर्चुअल आईडी अस्थायी होगी और इसे किसी भी समय वापस लिया जा सकेगा। हर आईडी की वैलिडिटी की समय सीमा होगी। इस समय सीमा को यूजर खुद निश्चित कर पाएंगे।
- अगर कोई भी व्यक्ति वर्चुअल आईडी जनरेट करता है तो पुरानी वाली आईडी अपने आप एक्सपायर हो जाएगी। इसका मतलब यह की एक व्यक्ति के लिए एक समय पर एक ही वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
देश में 119 करोड़ आधार कार्ड : UIDAI ने कहा है कि हाल के दिनों में आधार की निजता को लेकर कई सवाल उठे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए आधार को और मजबूत करने के लिए नई प्रक्रियाएं शुरू की गई हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक देश में 119 करोड़ आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं। बैंक, टेलीकॉम, सार्वजनिक वितरण और आयकर जैसे विभागों में इसका उपयोग किया जा रहा है।
एक मार्च से मिलेगी सुविधा : UIDAI के अनुसार, यह सुविधा एक मार्च से आ जाएगी और एक जून से सभी एजेंसियों को इसे लागू करना अनिवार्य होगा। यदि कोई एजेंसी इसके बाद वर्चुअल आइडी स्वीकार करने से इन्कार करती है, तो उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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