बिहार की समीक्षा यात्रा के चौथे चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को कुंवर सिंह की धरती भोजपुर के जगदीशपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री वीर बांकुरे को नमन करते हुए आजादी की लड़ाई में उनके योगदान और जान तक न्योछावर कर देने की चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1857 की क्रांति के अमर योद्धा को जो महत्व पूरे देश में मिलना चाहिए, वह नहीं मिला। इसलिए हर बिहारी का यह कर्तव्य बनता है कि वे कुंवर सिंह की ख्याति को देश स्तर पर पहुंचाएं। विजयोत्सव का यह 160वां साल है। इसलिए 23 से 25 अप्रैल तक आयोजित होने वाला राजकीय समारोह इस साल विशेष रूप से मनायेंगे। इसकी चर्चा पूरे देश में हो, यह कोशिश की जायेगी।
मुख्यमंत्री अपनी विकास समीक्षा यात्रा के चौथे चरण में रोहतास से दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे जगदीशपुर के दावां गांव पहुंचे। उन्होंने सर्वप्रथम बिहार के पहले हाईटेक पंचायत सरकार भवन का मुआयना किया। यहां की व्यवस्था देख खुश हुए।
भाषण में मुख्यमंत्री ने बिहार में चलाये जा रहे सामाजिक सुधार अभियानों पर विशेष रूप से बल दिया। आगामी 21 जनवरी को दहेज प्रथा व बाल विवाह के खिलाफ आयोजित मानव शृंखला में शामिल होने का संकल्प लोगों से हाथ उठवाकर दिया। उन्होंने कहा कि उस दिन एक दूसरे का हाथ थाम लीजिए, बिहार ही नहीं बाहर तक संदेश जायेगा कि बिहार बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों का बर्दाश्त नहीं करेगा।
जिले के जगदीशपुर ब्लॉक के दावां गांव में आयोजित समारोह में रिमोट दबा करीब 26 करोड़ की लागत से पूरी की गईं 23 योजनाओं के उद्घाटन के साथ ही 222 करोड़ की 236 योजनाओं का शिलान्यास किया। योजनाओं पर गौर करें तो शिक्षा और सात निश्चय पर ज्यादा राशि खर्च की जानी है। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा की जल्द ही भोजपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जानी है इसके लिए हमलोग प्रयासरत है ताकि यहाँ के छात्रों को पढ़ाई के लिए बाहर न जाना पड़े।
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