जम्मू के पुलवामा में बीएसएफ के जवान इकराम राम की मौत के बाद तिरंगा में लिपटा उनका पार्थिव शरीर शनिवार को जगदीशपुर पीलापुर पहुंचा। यहां काफी संख्या में गांव के लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे थे। दिवंगत जवान का शव जैसे ही गांव में पहुंचा युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी। जवान की मौत होने की सूचना मिलने के बाद से ही गांव के लोग शव आने का इंतजार कर रहे थे।
24 राउंड फायरिंग कर दी गार्ड ऑफ ऑनर
जवान के शव के साथ पहुंचे एनडीआरएफ के जवानों ने दिवंगत जवान के सम्मान में 24 राउंड फायरिंग कर गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी। इसके बाद बीएसएफ जवान का शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ। गांव के बगल में स्थित एनएच के नजदीक तालाब पर उनके इकलौते पुत्र प्रेमचन्द राम ने मुखाग्नि दी।
कौफीन में रख साथी का शव ले आए बीएसएफ जवान
दिवंगत जवान के शव के साथ पहुंचे बीएसएफ के इन्सपेक्टर कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि जवान के शरीर में इन्फेक्शन हो गया था और इलाज के दौरान मौत हो गयी। पिछले 8 दिसम्बर को श्री नगर में इलाज के दौरान मौत होने के बाद शव को विमान से श्रीनगर से दिल्ली लाया गया और फिर दिल्ली से पटना, इसके बाद पीलापुर गांव। बीएसएफ के इंसपेक्टर ने दिवंगत जवान केे बेटे प्रेमचंद राम को तिरंगा भी भेंट किया।
पति का शव देखते ही रोने लगी पत्नी
पीलापुर गांव में जैसे ही जवान का शव पहुंचा तो उनकी पत्नी सुदामो देवी रोने लगी। शव से लिपट कर रो रही पत्नी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे। बता दें कि शहीद का एक बेटा प्रेमचंद राम है।
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