राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद 9 नवंबर को पहली बार बिहार पहुंच रहे हैं. यहां पहुंचकर कृषि रोड मैप का उद्घाटन करेंगे. कृषि रोडमैप को लेकर मंगलवार को राज्य के कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि यह प्रदेश के समावेशी विकास के एक मॉडल का मार्ग प्रशस्त करेगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के बापू सभागार में इसे लांच करेंगे. लाचिंग समारोह में राज्यपाल सत्यपाल मलिक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे. प्रेस काॅन्फ्रेंस में आयोजन की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में रोडमैप मील का पत्थर साबित होगा. बिहार जैविक खेती करने वाले राज्यों में अग्रणी होगा.
छात्र एवं वैज्ञानिक भी लेंगे हिस्सा:
कृषि मंत्री ने कहा कि लांचिग समारोह में राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक व विधान पार्षद सहित विभिन्न जिलों के 570 किसान, 300 महिला किसान एवं कृषि विश्वविद्यालय के 400 छात्र एवं वैज्ञानिक भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि इस रोडमैप का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक भारतीय की थाली में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाना है. रोडमैप में जैविक खेती, खाद्य सुरक्षा, पोषण सुरक्षा, समावेशी विकास, किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी के कार्यक्रमों को लागू करने पर जोर दिया गया है. कृषि रोडमैप से 12 विभागों को जोड़ा गया है. बीज उत्पादन व उसकी गुणवत्ता और जैविक खेती पर जोर दिया गया है.
रोडमैप में पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण पर भी जोर है. रोडमैप 2022 तक के लिए होगा. रोडमैप किसानों की सिर्फ आमदनी को ही दूना नहीं करेगा बल्कि राज्य का जीडीपी भी बढ़ायेगा. बागवानी को बढ़ावा दिया जायेगा. गंगा की अविरलता को बनाये रखने के लिए राज्य में जैविक खेती हेतु गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों एवं राष्ट्रीय/राजकीय सड़क के दोनों तरफ पड़ने वाले गांवों का चयन कर कॉरिडोर बनाया जायेगा.
सब्जी उत्पादन को बढ़ावा:
डॉ कुमार ने कहा कि कृषि इनपुट सब्सिडी कार्यक्रम के अंतर्गत जैविक सब्जी उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जायेगा. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निबटने के लिए उपायों को लागू किया जायेगा. मांस, मछली, अंडा और दूध के उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा.
तीसरे कृषि रोडमैप का चरम लक्ष्य प्रत्येक भारतीय की थाली में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाने का संकल्प होगा. खाद्य सुरक्षा, समावेशी विकास, किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी के कार्यक्रमों में गत रोडमैप की तरह सदाबहार तकनीक पर जोर दिया जायेगा, ताकि वर्तमान की आवश्यकता की पूर्ति भी होगी तथा भविष्य के अवसर भी अक्षुण्ण रहेंगे.
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