मुख्यमंत्री ने विश्व धर्म सम्मेलन के मंच से कहा कि यहां देश के कोने- कोने से संत पधारे हैं। यह हम सब लोगों के लिए गौरव की बात है। बिहार की धरती पर संत जीयर स्वामी ने इतना बड़े महायज्ञ का अायोजन किया। एक हजार आठ मंडपों में यज्ञ हो रहे हैं। लेकिन, यहां सितंबर से ही बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। मैंने डीएम से पूछा कि कितने लोग आ चुके हैं। तब डीएम ने बताया कि एक करोड़ लोग आ चुके हैं। ऐसा आयोजन अब तक नहीं हुआ। अगर होगा तो जीयर स्वामी की तरफ से ही हो सकेगा।
एक हजार साल पूरा होने के बाद स्वामी रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी जयंती हुआ, यह कम बड़ी बात नहीं है। स्वामी रामानुजाचार्य ने धर्म के बारे में जो बताया था, वह बहुत बड़ी बात है। उन्होंने यह कहा कि जीव-जीव में फर्क नहीं करना चाहिए। मानव-मानव में फर्क नहीं करना चाहिए। कुछ लोगों को भ्रम होता है, कि यह पृथ्वी सिर्फ मानव के लिए है। लेकिन, ऐसा नहीं है। यह धरती सब जीवों के लिए है। यहां से आप जाएं तो एक संदेश लेकर जाए। किसी भी जीव से घृणा नहीं करनी चाहिए। हर इंसान के साथ प्रेम से रहना चाहिए। यही रामानुजाचार्य जी का सबसे बड़ा संदेश है। बिहार आस्था व ज्ञान की भूमि है। भगवान महावीर का जन्म, ज्ञान निर्वाण यहीं हुआ। भगवान बौद्ध को ज्ञान यहीं मिला। गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ।
No comments:
Post a Comment