भोजपुर की धरती पर महायज्ञ ने रचा इतिहास, शामिल हुए करोड़ों श्रद्धालु - Arrah City | Arrah Bhojpur Bihar News

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भोजपुर की धरती पर महायज्ञ ने रचा इतिहास, शामिल हुए करोड़ों श्रद्धालु

भोजपुर की धरती पर महायज्ञ ने रचा इतिहास, शामिल हुए करोड़ों श्रद्धालु

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भोजपुर की धरती पर शहर से सटे चंदवा में महायज्ञ ने एक नया इतिहास रचा है। धार्मिल पहलू से महत्वपूर्ण भोजपुर जनपद के इतिहास में महायज्ञ में शामिल श्रद्धालुओं व भक्तों की महाभीड़ बिहार प्रांत में कई मायनों के लिए यादगार बन गया है। महायज्ञ में शामिल अप्रत्याशित भीड़ यहां के लोगों के लिए भी यादगार व इतिहास बन गया है। इस धर्म सम्मलेन में एक करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं व भक्तों की भीड़ ने भोजपुर के इतिहास के पन्नो में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। शांतिपूर्वक संपन्न की ओर महायज्ञ में अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के संतों की भी खूब भीड़ जुटी। श्रद्धा पूर्वक लोगों ने बढ़ चढ़कर महायज्ञ में भाग लिया। भीड़ से आरा शहर से लेकर आस पास एक सार्वजनिक जगह एवं धर्मशाला, अतिथि गृह पट्टा रहा।

दस किलोमीटर दूर से हीं पैदल चलकर पहुंच रहे श्रद्धालु: 

महायज्ञ में शामिल होने के लिए जिले से जुड़े गांवों के लोग शहर से दूर दस किलो मीटर दूर से ही पैदल चलकर पहुंच रहे है। विधि व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था किया है। जिला मुख्यालय में पहुंचने वाले सभी प्रमुख मार्गों को 10 किलो मीटर पहले हीं सील कर दिया है। ताकि अनावश्यक वाहनों की भीड़ से आम लोगों को परेशानी नही झेलनी पड़े।

विदेशों से भी आए हैं भक्त व श्रद्धालु: 

इस महायज्ञ की खासियत यह भी है कि विदेशों से भी भक्त व श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। देश के भीतर के नामी गिरामी संत महात्माओं ने भी महायज्ञ में शामिल होकर इसकी गरिमा में चार चांद लगाया है।

विधि व्यवस्था भी रहा चाक चौबंद: 

महायज्ञ की सफलता एवं शांति पूर्वक संचालन में जिला प्रशासन की विधि व्यवस्था संधारण की तैयारी भी बेहतर तरीके से हुई। जिलाधिकारी संजीव कुमार व पुलिस अधीक्षक आकाश कुमार की पूरी टीम ने विधि व्यवस्था को बेहतर तरीके से संचालन किया है। आम लोगों की सुरक्षा व हिफाजत में दिन रात लगे रहे।

महिलाओं व युवतियों की भागीदारी रही ज्यादा: 

महाधर्म सम्मलेन में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं एवं युवतियों की भागीदारी ज्यादा रही। युवक भी इस महायज्ञ में बढ़ चढ़कर भाग लिया। वृद्ध महिलाओं एवं पुरुषों ने भी अपनी भागीदारी को शसक्त बनाया।

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