शहर में दुर्गा पूजा को लेकर चहल-पहल शुरू हो गई है। विभिन्न चौक-चाराहों पर पूजा समितियों ने पूजा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर के कई स्थानों पर भव्य पंडाल बनने लगे हैं। जो देश के प्रमुख मंदिर-मठों का आकार ले रहे हैं। कहीं-कहीं तो लाइट एण्ड साउंड पर आधारित प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। श्री श्री बड़ी देवी दुर्गा पूजा समिति नवयुवक संघ सह व्यवसाई संघ ने आरण्य देवी मंदिर के पास मूर्ति पंडाल को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। बड़ी देवी की मूर्ति 21 फीट उंची बनाई जा रही है। जो शहर की सबसे बड़ी होगी। लाइट बलिया से मंगाकर सजाई जा रही है।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की क्या है पंडाल की खासियत
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का खासियत है कि 35 फीट ऊंचा पंडाल बनाया जाएगा, जो दूर से ही आकर्षित करेगा। इस पंडाल में एक मुख्य द्वार दो छोटे द्वार बनाए जाएंगे। जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। पंडाल निर्माता अनिल पांडेय बताते हैं कि बंगाल से कारीगर मंगाकर भव्य पंडाल का स्वरूप दिया जा रहा है। पंडाल के उपर एक दूसरा कक्ष है, मंदिर से लगा एक छोटा-सा जलस्रोत भी रहेगा। जिसे कोटितीर्थ कहा जाता है। इसके अलावा भीड़ के निकलने के लिए एक अन्य द्वार मंडप बनाया जाएगा।
100 वर्षों से आरण्य देवी स्थान पर धूमधाम से हो रही पूजा
श्रीश्री बड़ी देवी दुर्गा पूजा समिति नवयुवक संघ सह व्यवसाई संघ आरण्य देवी स्थान के अध्यक्ष सदस्य कहते हैं कि श्री बड़ी देवी दुर्गा पूजा 100 वर्षों से हर साल बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। ये परम्परा आज तक बकरार है।
21 फीट ऊँची होगी प्रतिमा
श्री बड़ी देवी दुर्गा पूजा की मां आरण्य देवी मंदिर के समीप जो मूर्ति बन रही है, वह 21 फीट ऊंची है। यह इस साल दुर्गा पूजा में शहर की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। मूर्तिकार कृष्णा दादा बंगालसे आकर एक माह पहले से इस प्रतिमा को गढ़ रहे हैं।
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