आश्विनमास में आज कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत है। पुत्र के दीर्घायु होने की कामना लिए माताएं आज निर्जला उपवास करेंगी। भोजपुरी भाषी इलाके में इसे खर-जीउतिया या जीउतिया भी कहते हैं। खर-जीउतिया नामकरण का मान्यता है। इस कठिन व्रत में माताएं खर यानी तिनका भी मुंह में रखने से पूरी तरह परहेज करती हैं। ज्योतिषाचार्य उषाकांत तिवारी ने बताया कि बुधवार-गुरुवार की रात 12 बजे के बाद जलग्रहण कर सकती हैं। क्योंकि, उस रात 11.13 मिनट के बाद नवमी तिथि चढ़ रही है। जीउतिया का पारण गुरुवार की सुबह में 4.15 बजे के बाद होगा। इस पर्व पर व्रती महिलाएं चीलों, सियारों की कथा सुनती हैं।
Via: Bhaskar
No comments:
Post a Comment