जिंदगी कब नया मोड़ ले ले ये कोई नहीं जानता। किस्मत के ताले किसी को पूछ कर नहीं खुलते। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ पॉपुलर शो में डॉक्टर हाथी का रोल मिल जायेगा ये बात फूट पाथ पर सोने वाले ने ‘आजाद कवि’ ने कभी नहीं सोची थी। जी हाँ भारत का सबसे बड़ा कॉमेडी शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में डक्टर हाथी का असली नाम है ‘कवि कुमार आजाद’ है।
* मेला (2000)
* फनटूस (2002)
एक्टर बनने के लिए घर से भागे थें
आज़ाद बताते हैं की -
मुझे एक्टर ही बनना था और घरवाले इस फैसले के खिलाफ थे। उन दिनों घर की हालत भी ठीक नहीं थी। पिता को बिजनेस में नुकसान हो गया था। मैं घर से भाग गया और मुंबई जा पहुंचा। वहां कोई परिचित भी नहीं था। न कोई ठिकाना था। जेब में फूटी कौड़ी नहीं थी। जिस घर में रहता था उसका किराया देने के भी पैसे नहीं जुटा पाता था। उस दौर में मैंने सड़कों पर सोकर भी रातें काटी हैं। संघर्ष तो किया, अब भी कर रहा हूं लेकिन इसका भी अपना मज़ा है।
देखते ही दे दिया डॉ हाथी का किरदार
एक दिन आजाद किसी नाटक की रिहर्शल कर रहे थे तभी इनके पास एक बुलावा आया कि ‘आपको हमारे बॉस ने बुलाया है’ बस यही से इनकी जिंदगी ने अच्छा मोड़ लिया और इनको तारक मेहता का उल्टा चश्मा में ‘हंसराज हाथी’ का रोल मिल गया।
जीना इसी का नाम है
अकसर लोग आज़ाद से पूछते हैं कि आप सही में डॉक्टर हैं? वो कहते हैं मेरा किरदार डॉक्टर का है पर वास्तविक जिदंगी में मरीज़ हूं। अकेले में शायरी सुनता व सुनाता हूं, गाता हूं। ज़रूरतमंद बच्चों को खुश रखता हूं। हर क्रिसमस पर आसपास के बच्चों को इकट्ठा कर दस दिन का क्रिसमस सेलिब्रेशन करता हूं। इससे मन को शांति मिलती है। मेरा मानना है कि अच्छे एक्टर से पहले अच्छा इंसान बनना ज़रूरी है। बस किसी को दुखी मत करो। जिदंगी इसी का नाम है।
इन्होंने सीरिअल्स के साथ साथ कुछ हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है।
कुछ हिंदी फिल्में-
* फनटूस (2002)
टीवी सीरिअल्स-
* तारक मेहता का उल्टा चश्मा (2008 - वर्तमान)
भोजपुरी फ़िल्म-
* हमार रजऊ दरोगा नं 1 (2007)
जिसमे उन्हीने कॉमेडी के जाने माने कलाकार और अभिनेता "गोविंदा" के भांजा "कृष्णा अभिषेक" के साथ काम किया था, जो की फिल्म की पूरी शूटिंग आरा शहर और इसके आस पास के कई गावों में हुई थी।
No comments:
Post a Comment