डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया था। लेकिन पंचकूला की विशेष अदालत का फैसला आने के पांच मिनट बाद ही पंचकूला जल उठा। हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी और शाम तक शहर में 28 लोगों की मौत हो गई।
हरियाणा सरकार ने पंचकूला में धारा 144 लगा रखी थी, लेकिन फिर भी विशेष कोर्ट के बाहर हजारों लोग इकट्ठा थे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हजारों राम रहीम समर्थक पंचकूला के विभिन्न सेक्टरों में दो दिन से ही डेरा जमाए हुए थे, लेकिन पुलिस या अर्धसैनिक बलों ने उन्हें वहां से नहीं हटाया। नतीजा रहा कि करीब तीन बजे अदालती निर्णय आने के बाद डेरा समर्थक उपद्रव पर उतर आए।
हरियाणा सरकार ने सिरसा, पंचकूला समेत विभिन्न संवेदनशील शहरों में अर्धसैनिक बलों की 210 कंपनियों और 60 हजार से ज्यादा सुरक्षाबलों की तैनाती का दावा किया था। पंचकूला में 500 से 600 के करीब सेना के जवान भी तैनात थे। लेकिन उपद्रवियों के आगे सारे सुरक्षा इंतजामों की पोल खुल गई। पंचकूला में शाम चार बजे तक अदालत के आसपास की बाजारों और सरकारी इमारतों को डेरा समर्थक निशाना बना चुके थे। उपद्रवियों की पत्थरबाजी के आगे बेबस पुलिसकर्मियों को कई बार पीछे भागना पड़ा। पानी की बौछारों, आंसू गैस के गोलों और हवा में गोली चलाने का भी कोई असर नहीं हुआ। डेरा समर्थकों ने पंचकूला में उपभोक्ता आयोग समेत कई भवनों के शीशे तोड़ दिए, अंदर घुसकर कागजों में आग लगा दी। सरकारी कार्यालयों में मौजूद कर्मचारी जान बचाकर भागे। पंचकूला के सेक्टर 5-6 के बाजारों में उपद्रवियों ने कई जगह दुकानों में लूटपाट भी की। हिंसा के बावजूद हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने दावा किया कि डेरा समर्थकों को शहर से खदेड़ दिया गया है।
हरियाणा सरकार तीसरी बार चूकी
- जाट आंदोलन के दौरान हिंसा को काबू नहीं कर सकी
- बाबा राम पाल की गिरफ्तारी के दौरान भी हिंसा भड़की थी
- राम रहीम के केस में भी हालात नहीं संभाल पाई सरकार
- जाट आंदोलन के दौरान हिंसा को काबू नहीं कर सकी
- बाबा राम पाल की गिरफ्तारी के दौरान भी हिंसा भड़की थी
- राम रहीम के केस में भी हालात नहीं संभाल पाई सरकार
हिंसा फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई-खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कानून व्यवस्था भंग करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। यदि कोई कानून को हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कानून व्यवस्था भंग करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। यदि कोई कानून को हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या रही नाकामियां
खुफिया सूचना थी कि डेरा समर्थक हिंसा फैला सकते हैं
धारा 144 के बाद भी हजारों डेरा समर्थक कैसे जुटे
पुलिस ने फैसले के पहले भीड़ जुटने से क्यों नहीं रोका
लाठी-डंडों से लैस डेरा समर्थक कैसे कोर्ट के पास पहुंचे
पुलिस बलों को कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए
सरकार को पहले से तैयार रहना चाहिए था: हुड्डा
पंचकूला में हालात लगातार नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं और इस बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान आया है। हुड्डा ने कहा है कि पंचकूला में हालात बिगड़ रहे हैं और अगर हरियाणा सरकार पहले से तैयार रहती तो ये नौबत नहीं आती। हुड्डा ने कहा है कि फिलहाल सरकार पर वो ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे और इस वक्त हालात सामान्य होना सबसे जरूरी है। हुड्डा ने लोगों से भी अपील की है कि वो शांति बनाए रखें और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। साथ ही उन्होंने डेरा समर्थकों से भी अपने अपने घरों को लौटने की अपील की है और आगजनी की घटनाओं की निंदा की है। हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए और लोगों को ये बात समझनी चाहिए। हालांकि उन्होंने इन हालातों के लिए प्रदेश की खट्टर सरकार को जिम्मेदार भी बताया है।
खुफिया सूचना थी कि डेरा समर्थक हिंसा फैला सकते हैं
धारा 144 के बाद भी हजारों डेरा समर्थक कैसे जुटे
पुलिस ने फैसले के पहले भीड़ जुटने से क्यों नहीं रोका
लाठी-डंडों से लैस डेरा समर्थक कैसे कोर्ट के पास पहुंचे
पुलिस बलों को कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए
सरकार को पहले से तैयार रहना चाहिए था: हुड्डा
पंचकूला में हालात लगातार नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं और इस बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान आया है। हुड्डा ने कहा है कि पंचकूला में हालात बिगड़ रहे हैं और अगर हरियाणा सरकार पहले से तैयार रहती तो ये नौबत नहीं आती। हुड्डा ने कहा है कि फिलहाल सरकार पर वो ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे और इस वक्त हालात सामान्य होना सबसे जरूरी है। हुड्डा ने लोगों से भी अपील की है कि वो शांति बनाए रखें और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। साथ ही उन्होंने डेरा समर्थकों से भी अपने अपने घरों को लौटने की अपील की है और आगजनी की घटनाओं की निंदा की है। हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए और लोगों को ये बात समझनी चाहिए। हालांकि उन्होंने इन हालातों के लिए प्रदेश की खट्टर सरकार को जिम्मेदार भी बताया है।

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