किउल से मुगलसराय तक तीसरी रेल लाइन का होगा निर्माण, ट्रेन की लेटलतीफी से मिलेगी निजात - Arrah City | Arrah Bhojpur Bihar News

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किउल से मुगलसराय तक तीसरी रेल लाइन का होगा निर्माण, ट्रेन की लेटलतीफी से मिलेगी निजात

किउल से मुगलसराय तक तीसरी रेल लाइन का होगा निर्माण, ट्रेन की लेटलतीफी से मिलेगी निजात

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रेल का सफर करने वाले दानापुर रेलमंडल के यात्रियों के लिए खुशखबरी है। अब पटना-मुगलसराय रेललाइन का तिहरीकरण होगा। इसके तहत दानापुर रेलमंडल के किउल से मुगलसराय तक तीसरी रेल लाइन का निर्माण किया जायेगा। 335 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन निर्माण के लिए जल्द ही सर्वे का काम शुरू होगा। सूत्रों की मानें तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा, तो एक से दो दिनों में सर्वे शुरू कर दिया जायेगा। रेलवे द्वारा सर्वे के लिए एक करोड़ 66 लाख रुपये भी जारी कर दिये गये हैं। सर्वे पूरा होने के बाद पूर्व मध्य रेलवे द्वारा रेल मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी जायेगी। उसके बाद इस रूट पर ट्रैक बिछाने का कार्य शुरू हो सकता है। अगले वित्तीय वर्ष तक सर्वे का काम पूरा करने का टारेगट रखा गया है। 

मालूम हो कि आरा होकर गुजरने वाले इस रेल लाइन पर ट्रेनों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में ट्रैक पर ट्रेनों का काफी दबाव रहता है। ऐसे में तीसरी लाइन का निर्माण होने से ट्रेनों का परिचालन सुगम होगा। बता दें कि पटना-मुगलसराय रेलखंड पर तीसरी लाइन के निर्माण की मांग काफी दिनों से की जा रही थी। तीसरी रेल लाइन का सर्वे व निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से यात्रियों में काफी खुशी देखी जा रही है।

130 से 140 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें

तीसरी रेल लाइन बन जाने से ट्रेनों के परिचालन पर काफी असर पड़ेगा। ट्रेनों की टाइमिंग में भी सुधार की काफी उम्मीद है। बताया जाता है कि इस रेलखंड पर रोजाना औसतन 156 से 160 ट्रेनें गुजरती हैं। ऐसे में लाइन क्लीयर होने के इंतजार में ट्रेनें फंसी रहती हैं। इससे ट्रेनों की औसत स्पीड भी कम हो जाती है। नया ट्रैक बन जायेगा, तो ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जायेगी। सूत्रों की मानें तो अब इस रेलखंड पर भी ट्रेनें 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में चल सकती हैं।

पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में भी होगा सुधार

हावड़ा-नयी दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित इस रूट पर एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या अधिक है। एक्सप्रेस ट्रेनों की वजह से पैसेंजर ट्रेनें समय पर नहीं चल पाती हैं। बताया जाता है कि पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए मार्जिन ही नहीं मिल पाता है। इससे पैसेंजर ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती हैं, जिससे आम यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नये रेल लाइन के निर्माण से इसमें सुधार की उम्मीद बढ़ गयी है।

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