यदि सपने सच्चे हो और आप में उन्हें पूरा करना का जज़्बा हो तो फिर उन्हें पूरा होने से कोई रोक नहीं सकता। इस बात को साबित कर दिखाया है बॉलीवुड और टीवी के जाने माने अभिनेता के.के गोस्वामी ने।गोस्वामी महज का कद महज 3 फीट नौ इंच है, लेकिन अपने जीवन में संघर्ष करने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में जिन ऊंचाईयों को छुआ है, वह बेहद हैरान करने के साथ ही तारीफ करना वाला है। उन्होंने साबित कर दिया कि कद से नहीं हुनर से इंसान बड़ा होता है|
बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के रहने वाले के.के.गोस्वामी ने कई टीवी सीरियल बेताल पच्चीसी ,जूनियर जी ,विकराल और गबराल ,गुटरू गु ,चक्रवर्ती अशोक सम्राट , संकट मोचन महाबली हनुमान में अपने अभिनय का जौहर दिखाया है । के.के.गोस्वामी अब टीवी और फिल्मी दुनिया के जाने माने नाम बन चुके हैं लेकिन गोस्वामी के लिए बिहार के एक छोटे से गांव से लेकर मुंबई तक का सफर आसान नहीं था। इस दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।
छोटा कद और बड़ा धमाल मचाने वाले अभिनेता के के गोस्वामी ने बताया कि बचपन में इन्हें खरीदने के लिए सर्कस वाला आया। पूरे 50 हजार रुपए देने को तैयार था, लेकिन पिता बेटे को बेचने को तैयार न थे, जिससे जान बची। यही नहीं
गोस्वामी ने बताया कि जब मेरी शादी तय हुई तो ऐन वक्त पर ससुराल वाले बेटी देने से इंकार करने लगे। लड़की ने कहा कि मैं जब भी शादी करूंगी तो इन्हीं के साथ करुंगी, उसकी जिद देखकर घरवालों ने बहुत समझाया लेकिन वह नहीं मानी। केके गोस्वामी की छोटी कद की जानकारी के बाद भी होने वाली पत्नी उनसे शादी करने को तैयार थी। घरवाले उसे समझा रहे थे कि अभी भी मौका है। शादी से इनकार कर दो और अपने लिए कोई अच्छा लड़का चुनो। इस पर लड़की का कहना था कि शादी तय होने के दिन से ही मैं उन्हें अपना पति मानने लगी हूं। वे नाटे हुए तो क्या हुआ मैं उन्हीं से शादी करूंगी। लड़की के इस जवाब के बाद भी गोस्वामी को बरात ले जाने से डर लग रहा था। उन्हें डर था कि बैंड बाजे के साथ पूरे गांव के लोगों को बरात में ले जाउं और अगर लड़की ने मुझे देख कर शादी से मना कर दिया तो? ऐसा होने पर पूरे समाज में बदनामी होती। इस डर से गोस्वामी ने मंदिर में शादी की।
के.के गोस्वामी ने एक पोर्टल से विशेष बातचीत में टेलीविजन से अपने बॉलीवुड तक के सफर के बारे में कहा कि वर्ष 1992 में जब वह मुंबई एक अभिनेता बनने का सपना लेकर पहुंचे तभी से उनका संघर्ष शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि एक बार उन्हें उनके ही कद-काठी का आदमी मिला जिसने बीयर बार में नौकरी करने की सलाह दी। उसने उन्हें बताया कि वहां नौकरी करने पर उन्हें 500-700 रुपए मिलेंगे और साथ ही अच्छा खाना। उस व्यक्ति की बात मान कर बीयर बार पहुंचे। जब वह अंदर जाने लगे तो बार के वॉचमैन ने उन्हें डंडा मारकर बाहर से ही भगा दिया।यह पल उनकी जिंदगी का वो पल था जब उन्होंने ठान लिया कि अब वह हर हाल में अभिनेता बनकर रहेंगे। गोस्वामी ने बताया कि बतौर अभिनेता उन्हें सबसे पहले वर्ष 1995 में प्रदर्शित भोजपुरी फिल्म ‘रखिहा लाज अचरवा के’ में काम करने का अवसर मिला । गोस्वामी ने कहा, “बॉलीवुड में करियर की शुरूआत वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म लावारिस से की लेकिन पहचान नहीं बना सके । इसके बाद मुझे वर्ष 1998 में अजय देवगन और काजोल की फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ में काम करने का अवसर मिला जिसके जरिये कुछ हद तक मेरी पहचान बनी। इस बीच मैंने बेताल पचीसी और शक्तिमान जैसे सीरियल भी किये। टीवी सीरियल विकराल और गबराल में काम करने के बाद मुझे अभिनेता के तौर पर पहचान मिली। इसके बाद मुझे टीवी और फिल्म में काम करने के ढे़रो प्रस्ताव मिलने शुरू हो गये|
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