आरा: जिलाधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि खुले में शौच एक मानसिक बीमारी है। इस बीमारी से मुक्ति के लिए मानव व्यवहार में परिवर्तन, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा जन अभियान की जरूरत है।
ये बातें उन्होंने मंगलवार को एक दिवसीय कार्यशाला में कहीं। जिला जल एवं स्वच्छता समिति भोजपुर के तत्वावधान में स्वच्छ भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीएम संजीव कुमार ने शौचालय का घर में निर्माण, शौचालय निर्माण की तकनीक, शौचालय लागत, जन जागरूकता, मॉनिटरिंग तंत्र, स्वच्छता केंद्र, कंट्रोल रूम, दस्तावेजीकरण, विहित प्रपत्र में रिर्पोटंग आदि बिन्दुओं पर सूक्ष्म एवं स्पष्ट जानकारी पंचायत प्रतिनिधियों, सरकारी कर्मियों एवं अधिकारियों को दी।
उन्होंने जनजागरूकता के लिए घर-घर भ्रमण कर लोगों को खुले में शौच की बीमारी से मुक्ति हेतु दीवार लेखन करने, फ्लैक्स लगाने, सभा एवं संगोष्ठी करने, स्वच्छता पर आधारित विडियों का प्रदर्शन पंचायतों में करने को कहा। उन्होने कहा कि प्रारंभिक चरण में अभी प्रत्येक प्रखंड के एक पंचायत को खुले में शौच से मुक्ति हेतु चयन किया गया है तथा इन पंचायतों में विशेष अभियान चलाकर 100 व्यक्तियों की टीम द्वारा लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करने का काम किया जाएगा।
अगस्त में 14 पंचायतें होगे खुले में शौच से मुक्त:
प्रखंड - पंचायत
जगदीशपुर - हरिगांव
उदवंतनगर - उदवंतनगर
बिहिया - फिनगी
कोईलवर - धनडीहा
पीरो - अकरुआ
सहार - चौरी
बड़हरा - विशनपुर
संदेश - बागा
गड़हनी - कुरकुरी
आरा - महुली
अगिआंव - अगिआंव
तरारी - इमादपुर
शाहपुर - बिलौटी
चरपोखरी - मुकुंदपुर
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