खुशखबरी, भोजपुरवासियों के लिए मेडिकल कॉलेज का सपना साकार होने के आसार नजर आने लगे हैं। जिले में बनने वाले मेडिकल कॉलेज की जमीन की तलाश पूरी हो गयी है। शिक्षा विभाग ने उदवंतनगर के जीरो माइल स्थित विश्वविद्यालय के नूतन परिसर में बनाने की मंजूरी दे दी है। स्थानीय पावर ग्रिड परिसर में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में केन्द्रीय उर्जा राज्य मंत्री सह आरा सांसद आरके सिंह ने यह जानकारी दी। इस दौरान मंत्री ने अपनी कई उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि जिले के लिए कोईलवर सोन नद पर बनने वाला पुल व नहरों का पक्कीकरण कार्य भी यहां के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।
कोईलवर का दो लेन मार्च तक होगा चालू
कोईलवर के सोन नद पर छह लेन के बनने वाले पुल का कार्य तेजी से चलने की जानकारी देते हुए हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आगामी मार्च तक दो लेन चालू भी कर दिया जायेगा। वहीं बड़े वायदों में शामिल यहां के किसानों के लिए नहरों की पक्कीकरण के कार्य की भी केन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी मिल गयी है। जल्द ही काम लग जायेगा। पहले मुख्य नहरों का पक्कीकरण होगा और उसके बाद अन्य नहरों का भी पक्कीकरण होगा। इस कार्य के होने से पानी की भी बचत होगी। जो पानी जमीन में सूख जाता है, वह किसानों के खेतों में पहुंचेगा।
नहरों के किनारे सोलर भी लगेंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके बाद दूसरे चरण में नहरों के किनारे सोलर लगाये जायेंगे। वहीं नहरों के पक्कीकरण हो जाने के बाद यहां के लोगों के लिए रोजगार के नये अवसर भी खुलेंगे। पक्कीकरण के बाद नहरों में नाव व स्टीमर भी चलाये जाने की योजना है। इस कार्य के पूरा होने के बाद लगभग सौ साल तक किसानों को परेशानी नहीं होगी।
सदर हॉस्पिटल तो सुधरा नहीं और बात मेडिकल कॉलेज की????
ReplyDeleteमैं आरा सदर अस्पताल में कार्यरत कुछ लोगों को जानता हूँ जो यहाँ सिर्फ उपस्थिति दर्ज करके अपना जांचघर पटना में चलाते हैं,इमरजेंसी के नाम पर Referred to higher institution/PMCH/Kurji लिखा जाता है,एक Nebulizer और ऑक्सिजन सिलिंडर तक तो है नहीं,बिहार का सरकारी अस्पताल-PHC/CHC तो झोला छाप और आयुष के बदौलत चल रहा है,सरकार की दोगली नीति है-एक तरफ प्राइवेट अस्पतालों के लिए निर्देश है कि NABH जो Quality Certification है,को Qualify करने के लिए अस्पताल में आयुष चिकित्सक (BAMS/GAMS)नहीं रहना चाहिए ठीक इसके विपरीत सरकारी अस्पताल इन्हीं झोलाछापों के भरोसे छोड़ दिया गया है
एक तरफ प्राइवेट प्रैक्टिस बैन करने की बात होती है दूसरे तरफ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बतौर मुख्यातिथि निजी अस्पताल का उद्घाटन करने पहुँचते हैं,हद है दोगले सोच और मानसिकता की,शर्म करो बेहयाओं