सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाबालिग पत्नी से यौन संबंध स्थापित करने को बलात्कार के दायरे में लाए जाने के फैसले का स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस फैसले से लड़कियों के कम उम्र में होने वाले विवाह की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
नाबालिग पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना रेप माना जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि 15-18 साल के बीच की महिला शिकायत करती है तो यह रेप होगा चाहे वह शादीशुदा ही क्यों न हो। कोर्ट के इस फैसले से नाबालिग की शादी का मामला पूरी तरह से बदल गया है। जस्टिस मदन लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने यह फैसला बुधवार को दिया।
कोर्ट के समाने सवाल था कि जब 18 वर्श से कम की महिला के साथ शारीरिक संबंध रेप है चाहे उसके लिये उसने सहमति ही क्यों ना दी हो तो फिर विवाह के केस मे इससे कैसे छुट दी जा सकती है। इस आदेश का सीधा असर बाल विवाहों पर पड़ सकता है, क्योंकि 18 और 21 से कम के युवती युवक का विवाह हो जाने के बाद संबंधों को मान्यता मिल जाती थी।
कोर्ट ने कहा कि विवाह के मामले मे उम्र की छूट नहीं दी सकती है। इस बारे महिला एक साल के अंदर शिकायत करने पर रेप का मामला दर्ज होगा। कोर्ट ने केंद्र के इस आग्रह को ठुकरा दिया कि यह फैसला ना दिया जाय इससे सामाजिक समस्या पैदा होगी।
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