भोजपुर, बांका और वैशाली में अगले साल खुलेंगे इंजीनियरिंग कॉलेज
90 करोड़ में इंजीनियरिंग, 55 करोड़ में खुलेगा पॉलीटेक्निक कॉलेज
अगले साल राज्य में तीन और नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खुलेंगे। बांका, भोजपुर और वैशाली में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को जमीन भी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि सत्र 2018-19 से इन कॉलेजों में पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। भवन निर्माण विभाग के माध्यम से यहां मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग तैयार होना है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन) से नए इंजीनियरिंग कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए प्रयास जल्द ही शुरू कर दिए जाएंगे।
नए इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों में 60-60 सीटों पर नामांकन होगा। अभी राज्य में 16 इंजीनियरिंग और 30 पॉलीटेक्निक कॉलेजों पढ़ाई हो रही है। निजी क्षेत्र में 16 इंजीनियरिंग और 26 पॉलीटेक्निक कॉलेज संचालित हैं। बीपीएससी के माध्यम से इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों में लगभग 1200 व्याख्याताओं की नियुक्ति होनी है। स्थायी नियुक्ति होने तक पहले से संविदा पर कार्य कर रहे व्याख्याताओं की सेवा इस वर्ष भी ली जाएगी। विभाग ने इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य को विभिन्न ट्रेड में पढ़ाई के लिए मानक के अनुरूप गेस्ट फैकल्टी रखने की अनुमति दी है।
राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलना है। सहरसा, पूर्णिया और सुपौल में इस साल पढ़ाई शुरू हो रही है। अगले साल बांका, भोजपुर वैशाली में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल जाएंगे।
16 जिलों में हैं अभी इंजीनियरिंग कॉलेज
मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मोतिहारी, दरभंगा, गया, छपरा, नालंदा, पटना, रोहतास, बेगूसराय, सीतामढ़ी, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल सहरसा
एआईसीटीई का कार्यालय बिहार में नहीं होने से परेशानी
बिहार में ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन का क्षेत्रीय कार्यालय नहीं होने से इंजीनियरिंग पॉलीटेक्निक कॉलेजों को मान्यता दिलाने में परेशानी होती है। एआईसीटीई का क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर में है, जबकि मुख्यालय दिल्ली में। एआईसीटीई के मानक के अनुरूप कॉलेज में लैब और व्याख्याता के साथ ही भवन निर्माण भी होना चाहिए।
हर जिले में एक-एक कॉलेज
राज्य के हर जिले में कम से कम एक-एक इंजीनियरिंग कॉलेज और एक-एक पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने का लक्ष्य है। एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना पर 70 से 75 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, जबकि पॉलीटेक्निक की स्थापना पर करीब 55 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए तीन से छह एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है।
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